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अंतरिक्ष युद्धम 18

    अनजान मददगार का घर

    
    जैसे ही वह उनके सामने आकर खड़ा हुआ राज ने डरते हुए अपना हाथ मिलाने के लिए आगे किया। जिस तरह का दरिंदगी का नजारा उसने दिखाया था उसके बाद डरना तो बनता ही था। उस अनजान आदमी ने बड़े ही गर्मजोशी से हाथ मिलाया जिसे राज मिलाना भूल गया था।
    
    "ओह... हां... हेलो" आकस्मिक ही राज के मुंह से निकला। उसका हाथ काफी मजबूत था क्योंकि राज उसके हाथ की मजबूत पकड़ को आसानी से फिल कर सकता था।
    
    मिशा ने के साथ लगते अपना हाथ आगे बढ़ा दिया और उसने अपना परिचय दिया "हेलो... आई एम मिशा ... फ्रॉम इंडिया"
    
    दोनों को हाथ मिलाता देख जॉर्ज भी पीछे नहीं रहा। उसने भी हाथ मिलाया और अपने ही एलियंस भाषा में उसे अपना परिचय दिया। पता नहीं उस अनजान मददगार को जोर्ज की भाषा समझ में आई थी या नहीं लेकिन उसने जोर्ज से भी जोरदार हाथ मिलाया था। सभी से हाथ मिलाने के बाद उसने अपना मुंह पहली बार कुछ बोलने के लिए खोला।
    
    "कयठझ बज डख रछठ खथकथ ठज"
    
    उसने कुछ बोला लेकिन उसे सुनते ही तीनों का माथा ठनक गया। अब भला यह कौन सी भाषा थी जो वह बोल रहा था। राज ने जिकनोर की तरफ देखा जो भाषा ट्रांसलेशन का काम करती थी। उसमें कुछ प्रोसेस हो रहे थे और लोडिंग डाटा जैसा भी ऑप्शन आ रहा था। जल्दी एक बीप की आवाज हुई और जिकनोर ने कहा।
    
    "यह नेकुरी लैंग्वेज है जिसे इसी ग्रह के कुछ प्राणियों ने विकसित किया है। इस भाषा का मुख्य तौर पर उपयोग चोर के गिरोह द्वारा किया जाता है। अभी इस लड़के ने जो बोला उसका मतलब था "मेरा नाम जोमियो है और मैं पहले समाडां गृह पर रहता था"
    
    "मतलब वही ग्रह जहां से गुरु वुवान थे" मिशा बोल पड़ी।
    
    उसके सामने का अनजान मददगार दोबारा कुछ बड़बडाया लेकिन अब सब उसे साफ-साफ सुन सकते थे।
    
    "यह ग्रह रात को किसी भी तरह के खतरों से खाली नहीं, अगर तुम लोगों को जिंदा बचना है तो मेरे साथ चलो। यहां मेरा एक घर है और तुम लोग वहां पूरी तरह से सुरक्षित रहोगे"
    
    उस अनजान लड़के ने तीनों से अपने साथ चलने के लिए कहा था जिसके बाद राज जोर्ज की तरफ देखने लगा। "क्या इसके साथ जाना सही रहेगा... अगर वह लोग शिकारी थे तो हो सकता है यह भी शिकारी हो... और अपने शिकार को तरह से फांसता हो" राज ने यह बात जोर्ज से कही। जोर्ज कुछ सोचने लगा लेकिन मिशा ने इस बारे में पहले ही सोच लिया था।
    
    "मुझे नहीं लगता है इसका इरादा हमें नुकसान पहुंचाने का है... क्योंकि अगर ऐसा होता तो यह यहीं हमारा काम तमाम कर सकता। इसके काबिलियत हम लोगों से लाख गुना ज्यादा है और हम इसके सामने टिक भी नहीं पाएंगे। फिर यह हमें अपने घर ले जाकर क्यों मरना चाहेगा.."
    
    "हो सकता है इसमें इतनी क्षमता ना हो यह हम तीनों लोगों की लाश एक साथ उठा सके.... इसलिए पहले घर लेकर जाएगा फिर पूरी तरह से घी मक्खन लगाकर हमें बीचोबीच से काट देगा"
    
    "हम सावधानी रखेंगे.."
    
    "एक मुर्गा हलाल होने से पहले कितनी भी सावधानी क्यों ना रख लें.... अगर मालिक ने उसे काटने का सोच लिया तो मतलब उसका तो मुरब्बा बनकर ही रहेगा" राज फिर बोला
    
    "तो तुम बताओ तुम क्या चाहते हो" मिशा ने पूरी बात राज की झोली में झाड़ दी"अगर हम यहां रुकेंगे तो जंगल के शिकारियों से मारे जाएंगे और इनसे तो बचने की उम्मीद भी नहीं। और अगर इसके साथ जाएंगे तो हो सकता है थोड़ा बहुत बचने के चांस मिल। अगर यह हमें मारने की भी कोशिश करता है तो हमें इंसानों की कमजोरी पता है। ऐसा करते ही मैं इसके सबसे कमजोर हिस्से पर वार करूंगी और काम खत्म" मिशा राज की आंखों में घुर रही थी।
    
    "कमजोर हिस्से से तुम्हारा क्या मतलब" राज अपनी नजरें मिशा से हटा कर खुद को ही नीचे की तरफ देखने लगा।
    
    "हां मैं इसी की बात कर रही हूं" जैसे ही राज ने नीचे देखा मिशा बोली।
    
    राज छकपका पकड़ा गया "तुम लड़कियों के दिमाग में ऐसे पागल आईडीयास आते कहां से हैं" फिर उसने अनजान मददगार की तरफ देखा। जिकनोर को अभी हिंदी भाषा को ट्रांसलेशन करने के लिए नहीं कहा गया था। इसलिए उन दोनों के बीच में जो भी बातचीत हो रही थी वह उन्हीं तक सीमित थी। राज हिंदी में इतराता हुआ बोला
    
    "हां चलो भाई.... चलो.. तुम्हारे घर चलते हैं। लेकिन देखना हमसे धोखा करने की कोशिश बिल्कुल मत करना वरना यह लड़की.... तेरी आने वाले 7 पुश्तो के खानदान को यहीं खत्म कर देगी"
    
    जॉर्ज को इस निर्णय से कोई दिक्कत नहीं थी। वह तो खुद उन दोनों की सुरक्षा चाहता था और यह शायद वहां जाकर बेहतर मिलेगी। तीनों एक साथ उस अनजान मददगार के घर जाने के लिए तैयार हो गए। जोमियो जो कि उस अनजान मददगार का नाम था वह जंगल की ही और एक घने रास्ते की ओर चल दिया। तीनों ने ही पीछे पीछे उसके पैरों के ऊपर पैर रखे। जिस इलाके की ओर वह जा रहे थे वो पिछले इलाके की तुलना में ज्यादा सघनं था। थोड़ा डरावना भी था क्योंकि इस घने जंगल में अगर वह कुछ बोलते भी थे तो उसकी आवाज भी पचास बार गूंज कर वापस उनके पास आ जाती थी। ऐसे लग रहा था जैसे वह किसी म्यूजिक हॉल में ड्रम पीट रहे हैं और फिर उस ड्रम की आवाज वापिस परिवर्तित होकर एक डरावनी आवाज रूप में उनके कानों को आकर झकझोर रही हैं। जल्द ही वो लोग जो एक चमकती हुई रोशनी देखने लगे। शायद वही जोमियों का घर होगा। जैसे-जैसे वह लोग उस रोशनी की ओर पास गए घर ठीक सामने दिखाई देने लगा। वो पेड़ के ऊपर बना हुआ एक घर था जिसके बाहर कृत्रिम लाइट लगी हुई थी और उसी की रोशनी दूर तक जा रही थी। ‌ जैसे ही वह लोग घर के पास पहुंचे जोमियो ने अपने हाथ का इशारा कर उन लोगों को रुकने का कहा। तीनों इशारा मिलते ही रुक गए। जोमियो वहां से एक पेड़ की ओर गया और उसको दबाने लगा। पता नहीं क्या था जो वह कर रहा था। काफी देर तक पेड को दबाने के बाद वो वापस आया और बोला।
    
    "यहां नीचे बिजली की तारे हैं जो अंदर आने वाले को जोर का बिजली का झटका देती है। इसी बिजली की वजह से यह घर सुरक्षित है वरना यहां शिकारी हर दूसरे दिन हमला कर देते हैं। चलो आओ, मैंने एक बार के लिए बिजली बंद कर दी है लेकिन जैसे ही तुम लोग अंदर आओगे इसे वापस चालू कर दूंगा" इतना कहकर वह आगे की ओर चला गया।


    पेय पदार्थ
    
    राज और मिशा को गठीली रसियों के सहारे पेड़ पर चढ़ने में कोई दिक्कत नहीं हुई, वही जोमियो को तो इसकी आदत थी। वह तो पलक झपकते ही ऊपर चढ़ गया था, लेकिन जॉर्ज। वह एक नौसिखिया की भांति ऊपर आया था। ऐसा नहीं कि उसे रसियों पर चढ़ने का एक्सपीरियंस नहीं था, पर जो रस्सियां जोमियो ने लगा रखी थी वह सिर्फ इंसानों के लिए अनुकूल थी। जॉर्ज जैसे भारी भरकम आदमी को सावधानी से ही उस पर चढ़ना पड़ता था। जोमियों का लकड़ी का घर ज्यादा बड़ा नहीं था। फर्नीचर थोड़ा मजबूत था लेकिन दीवारों की मजबूती कम ही थी। अंदर काफी सारा सामान रखा हुआ था, लकड़ी के बने हुए बर्तन जैसी देखने वाली चीजें धरती की तुलना में थोड़ी अजीब ही थी। कमरे के साइड में पेड़ की एक ऊपर निकली हुई टहनी हुई थी जो शायद जोमियो का बिस्तर था। राज और मिशा दोनों टेबल के पास वाले लकड़ी के लटठों पर बैठ गए। इस पूरे कमरे में वही एकमात्र उनके बैठने के लिए जगह थी। बाकी जगह तो बस अव्यवस्था ही थी। जॉर्ज भी उनके सामने की जगह पर बैठ गया और अपने हाथों की कलाइयों को मरोड़ने लगा। शिकारियों से उसका मुकाबला काफी पीड़ादायक था। जोमियो पास में ही किसी बर्तन में कुछ गरम कर रहा था। मिशा ने एक नजर पूरे कमरे में घुमाई। राज भी कमरे को मोटी मोटी नजरों से देख रहा था।
    
    "यह इतना भी बुरा नहीं.. जंगल में तो ऐसे ही घर बनते हैं" मिशा राज से बोली।
    
    "हां... लेकिन समझ में नहीं आ रहा इसने अकेले यह सब किया कैसे होगा" राज ने जवाब दिया।
    
    मिशा राज की इस बात पर खामोश रही। जोमियो जो काफी दूर खड़ा था वह कुछ छोटे-छोटे बर्तन लेकर आया और उन्हें सामने के टेबल पर रख दिया। फिर उसमें उस चीज को डाल दिया जिसे वह गर्म कर रहा था। वो शायद कोई पेय पदार्थ था जिससे भाप निकल कर बाहर आ रही थी।
    
    "मुझे नहीं पता तुम लोग क्या खाते पीते हो... लेकिन मेरे पास यही है" उसने एक-एक कर बर्तन उनकी तरफ खिसका दिए।
    
    राज ने नाक सिंगोड़ी और उसके दिए हुए पदार्थ को सुघने की कोशिश की। वह इसकी खुशबू से अनजान था। मिशा ने भी सुघकर कर पता लगाने की कोशिश की आखिर बनाया क्या है लेकिन वह भी नहीं पता लगा पाई। आखिर में दोनों जॉर्ज की तरफ देखने लगे। दोनों का ही सोचना था कि जॉर्ज जरूर इसके बारे में जानता होगा।
    
    जॉर्ज ने अपनी गर्दन नीचे झुकाई और उस पेय पदार्थ की भाप को अपनी नाक में जाने दिया।
    
    "यह हावील है" सुघने के बाद जॉर्ज ने उन दोनों को बताया "तुम्हारी भाषा में कहा जाए तो चाय और कॉफी का मिश्रण लेकिन इसमें कॉफी की जगह जड़ी बूटियों का इस्तेमाल होता है।"
    
    "क्या हम पी सकते हैं.." राज कशमकश में बोला "मतलब हम इंसान हैं कहीं इसका हम पर उल्टा असर तो नहीं होगा"
    
    जॉर्ज ने अपनी आंखों से जोमियो की तरफ इशारा किया "वह भी इंसान हैं.. अगर उस पर इसका कोई असर नहीं हुआ तो तुम पर भी नहीं होगा।"
    
    "और तुम" मिशा ने जोर्ज से पूछा "क्या तुम पर इसका कोई असर होगा...??"
    
    "नहीं!! मुझे तो आदत है इसकी" जॉर्ज कहकर रुक गया।
    
    हालांकि पता लग चुका था कि यह पेय पदार्थ क्या है और इसे कौन-कौन पी सकता है लेकिन फिर भी तीनों ने उसे उठाने की हिम्मत नहीं की थी। एक अनजान आदमी पर भरोसा करना आसान नहीं होता। जोर्ज राज और मिशा के चेहरे को देख रहा था और राज और मिशा अनजान आदमी के चेहरे को। आंखों ही आंखों में बातें हो रही थी कि अब आगे क्या। शायद अनजान आदमी भी इस बात को समझ गया था। वो आगे आया और लकड़ी के गठे पर बैठते हुए पेय पदार्थ को मुंह से लगा लिया।
    
    "यह पूरी तरह से सुरक्षित है...तुम लोगों को चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं" पीने के बाद उसने अपना मुंह साफ किया और खाली बर्तन को वापस टेबल पर रख दिया।
    
    राज, मिशा और जॉर्ज तीनों के सशय खत्म हो चुके थे। उन्होंने भी पेय पदार्थ को उठाया और धीरे-धीरे पीने लगे।
    
    "आह ये तो स्वादिष्ट है" राज ने उस पेय पदार्थ के स्वाद को महसूस किया है जो वाक्य में ही शानदार था।
    
    "हममम... बिल्कुल कॉफी जैसा टेस्ट है लेकिन खुशबू थोड़ी अलग है" मिशा ने भी उस पेय पर्दाथ की तारीफ में दो शब्द कह दिए।
    
    अगले कुछ मिनट तक का समय उस पेय पर्दाथ को खत्म करने में ही गया। जैसे ही पेय पदार्थ खत्म हुआ सभी ने अपने अपने बर्तन टेबल पर रख दिए थे और आपस में बातें करना शुरू कर दिया था। राज ने सबसे पहले उस अनजान आदमी से सवाल किया। वह एक ऐसा सवाल है जिसका जवाब वह बहुत पहले जानना चाहता था
    
    "वैसे अगर तुम बुरा ना... तो क्या हमें बता सकते हो तुम यहां कैसे आए और तुम्हारी पिछले जिंदगी की कहानी क्या है?" उसने अपना सवाल साफ और स्पष्ट शब्दों में पूछा था। मिशा को भी जवाब में दिलचस्पी थी।
    
    "हां क्यों नहीं..." जोमियो बोला और उसने एक गहरी सांस ली। राज और मिशा की आंखें उस पर गढ गई थी। मिशा तो दिलचस्पी में अपनी टोढी टेबल पर सटा चुकी थी। जोर्ज ने भी कमर अकड़ा कर उसे चुस्त दुरुस्त कर लिया था। "मैं तुम्हें शुरु से बताता हूं.... वहां से जहां से मैं जानता हूं"
    
    राज ने जिकनोर को टेबल के बीचो-बीच रख दिया। ताकि जोमियो जो भी कहे उसका अच्छे से ट्रांसलेशन हो सके।

    अनजान मददगार की कहानी
    
    "वह चीज जो मुझे सबसे पहले याद है..." जोमियो ने कहना शुरू कियावो है मेरे दादा जी। उस समय मेरी उम्र तकरीबन सात-आठ साल होगी जब मैंने उन्हें पहली बार देखा । मैं एक वीरान रेगिस्तान में पड़ा था और वह मेरी ओर चले आ रहे थे। उन्होंने मुझे धसीं हुई मिट्टी से निकाला और कहां 'विनाश आ चुका है पर विनाश के इस चक्कर में तुम यहां अकेले कैसे रह गए...' उन्होंने मुझे अपने कंधे पर उठाया और एक बंकर में चले गए। उन बकरों को खासतौर पर तेज रेतिली आंधियों से बचने के लिए बनाया गया था। उन्होंने वहां मुझे पहले अपनी कहानी बताई। उन्होंने बताया कि वो नोर्कस ग्रह के छोटे व्यापारी हुआ करते थे। उनका काम महान (राजा) तक चुनिंदा फलों को पहुंचाने का था। फिर विनाश हुआ और 'महान' ग्रह के सशक्त लोगों के साथ समांडा ग्रह पर चले गए। फिर उन्होंने मेरे बारे में पूछा लेकिन में अपने बारे में कुछ नहीं जानता था। मेरी ख़ामोशी के कारण उन्होंने मुझे जोमिया नाम दिया और अपने साथ रख लिया। अगले 2 सालों तक हम उसी विरान नोर्कस ग्रह पर दर-बदर भटकते रहे। खाली ग्रह चोरों का घर होता है। ऐसे ही एक दिन की शाम हम बाहर घूम रहे थे कि नार्कोस ग्रह पर चोरों का एक दस्ता आ गया। उन्होंने हमारे घर को तहस-नहस कर दिया और मेरे दादा को भी मार दिय। मैं उस समय बहुत छोटा था इसलिए उन्होंने मुझे मारने की बजाय अपने साथ काम पर रखना बेहतर समझा। एक ओर जहां चोरों के इस दस्ते ने मेरे दादा को मुझसे छीन लिया वहीं दूसरी ओर मुझे नोर्कस ग्रह से आजादी का भी रास्ता मिल गया। फिर आने वाले 5 सालों तक हम लोग चोरी जैसी छोटी-मोटी घटनाओं को अंजाम देते रहे और आखिर में समाडां ग्रह पर ही रहने लगे। हम बाहर से आए हुए लोग थे इसलिए हमेशा सावधानी रखनी पड़ती थी क्योंकि समाडां के कानून में कोई भी बाहर का आदमी वहां नहीं रह सकता था। अपनी पहचान को छुपाने के लिए मैंने भेष बदलने वाले जैकेट और सुटों का इस्तेमाल किया। मेरे साथी तो उनके जैसे ही दिखते थे लेकिन मैं बिल्कुल भी नहीं। फिर इसके अगले 4 सालों तक कुछ भी खास नहीं घटा। चीजें जैसी थी वैसे ही होती रही। लेकिन मेरे साथियों की चोरी करने की आदत ने उन्हें मुश्किलों में लाना शुरू कर दिया था। एक-एक कर मेरे साथी चोरी करते हुए पकड़े गए और उन्हें यहां लाकर पटक दिया गया। आखिर में जब मैं और मेरा सिर्फ एक ही साथी ही बचा था तब हम लोगों को भी अपना जीने का जुगाड़ करने के लिए चोरी करनी पड़ी और हम लोग भी पकड़े गए। जब राजा को पता चला कि मैं उन सब से अलग दिखता हूं तो वह सजा देने में बिल्कुल नहीं हिचके, फिर मुझ पर चोरी का इल्जाम भी था। बाकी की तरह मुझे भी यहां लाकर छोड़ दिया गया। मेरी किस्मत अच्छी थी की मैंने अपने पुराने समय में लड़ाई के कला में महारत हासिल कर रखी थी और मैं विज्ञान को भी भलीभांति से जानता था। यहां आते ही मेरा सामना कई तरह के अलग-अलग शिकारियों से हुआ। हर बार मैंने शिकारी को मात दी और यहां के जीने के तरीके सीखे। लकड़ियों को काटने के औजार बनाकर यहां पेड़ के ऊपर घर खड़ा किया। विज्ञान की मदद से बिजली बनाई और घर के चारो और करंट की तारे बिछा दी। मैं यहां पिछले 4 सालों से हूं और इन 4 सालों में मैंने हर वह रणनीति बना ली जो मुझे शिकारियों से बचा सकती थीं।"
    
    "लेकिन तुम तो इंसान हो... इसकी कहानी क्या है??" राज ने जोमियो को शायद बीच में ही रोक दिया था क्योंकि वो कुछ और बोलना चाहता था।
    
    जोमियो ने अपना ध्यान राज पर केंद्रित किया "मुझे नहीं पता, जैसा कि मैंने तुम लोगों को बताया मुझे पहली याद रहने वाली चीज मेरे दादा जी ही थे... और तब मैं रेतीले तूफान से बाहर निकला था।"
    
    "दिलचस्प!! पृथ्वी से तुम इतनी दूर आखिर कैसे आ सकते हो वह भी 8 साल की उम्र में। मतलब इतना तो साफ है कि तुम्हें किसी भी अंतरिक्ष मिशन में यहां नहीं भेजा गया" राज आहिस्ता से बोलो।
    
    "कहीं ऐसा तो नहीं यह धरती वासी हो ही ना... मतलब हो सकता है कि किसी और ग्रह पर भी हमारे जैसे ही लोग रहते हो या फिर उनकी बनावट बिल्कुल हमारे जैसी हो" मिशा ने भी अपना विचार रखा।
    
    "ऐसा संभव नहीं..." मिशा की बात का जवाब जॉर्ज ने दिया "हमारी गैलेक्सी में तुम जैसे दिखने वाले लोगों का वजूद नहीं, ना ही आसपास के गैलेक्सी में है। हां उससे बाहर जरुर हो सकता है"
    
    "मतलब यह इंसान धरती से ही है" मिशा ने फिर से वापिस अपनी पहले वाली बात पकड़ी।
    
    "पक्का धरती से... क्योंकि तुमने इसकी टीशर्ट पर अमेरिका का बना झंडा नहीं देखा..वो तो यह चीख चीख कर कह रहा है कि व़ धरती से है और अमेरिका का रहने वाला है। ऊपर से इसका गोरा रंग ऐसा तो सिर्फ अमेरिकियों का होता है"
    
    जोमियो दोनों की ही बहस को बराबर सुन रहा था"देखो देखो...." उसने बीच में हस्तक्षेप किया। "मुझे नहीं पता मैं कहां से हूं और ना ही मैं जानना चाहता हूं... बस तुम इस छोटी सी बात के लिए लड़ाई मत करने लग जाना। बेहतर तो यही है तुम लोग अब सो जाओ। रात काफी हो गई है.. तो जागना सही भी नहीं" जोमियो अब खुद को लेकर और बहस नहीं चाहता था। इस बात से उसे असहजता महसूस हो रही थी इसलिए कहने के बाद जोमिया खड़ा हुआ और दूसरे कोने में जाकर कुछ कपड़े ले आया। उसने वही फर्श पर तीन अलग-अलग बिस्तर लगा दिए। वैसे वो कपड़े तो नहीं थे बल्कि पत्तों से बना चटाई जैसा कुछ था जो कपड़ो की ही तरह दिखते थे। इनका इस्तेमाल सोने के लिए आसानी से किया जा सकता है। उन्हें बिछाने के बाद उसने मिशा को अलग से कहा
    
    "तुम वहां मेरी जगह सो जाना, नीचे सोना तुम्हारे लिए आसान नहीं रहेंगा" वह उसे अपने बिस्तर की तरफ इशारा करके कह रहा था। "तुम्हारी जगह मैं यहां नीचे सो जाऊंगा" ईशारा करने के बाद उसने अपनी बात पूरी की।
    
    राज उसे घूर कर देखने लगा। कहते वक्त जोमियो मिशा को अलग नजरों से देख रहा था... ऐसी नजर जिसे देखकर राज को ईष्या हो रही थी। फिर जोमियो के कहने पर मिशा ने भी एक हल्की मुस्कान दी थी। इतना तो किसी को भी जलाने के लिए काफी था खासकर उसे जो आपके साथ पिछले छह महीनों से रह रहा हो।
    
    आखिर में मिशा जोमियो के बिस्तर पर जाकर लेट गई और बाकी तीनों नीचे। फिर थकी होने के कारण किसी को भी सोने में ज्यादा देरी नहीं लगी।


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2 Comments

Fiza Tanvi

22-Sep-2021 02:43 PM

Bahut khoob

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Miss Lipsa

30-Aug-2021 08:52 AM

Waaah waaah

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